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* निराश न होना, कमज़ोर तेरा वक्त है, 'तू नहीं' * -🖋 देवांश

|| निराश न होना, कमज़ोर तेरा वक्त है, 'तू नहीं' || बीतेगा ये पल भी, तू निराश तो नहीं,  कमज़ोर तेरा वक्त है,  'तू नहीं'। माना हालत थोड़ी नासाज़ है, सहमा हुआ हर इंसान है, पर जज़्बा जिंदा रहने का तू खोना नहीं, कमज़ोर तेरा वक्त है, 'तू नहीं'। माना कि दिल रोया है, जब किसी ने किसी अपने को खोया है। दिल से टूटा जरूर है, पर हिम्मत तू छोड़ना नहीं, विश्वास रख, कमज़ोर तेरा वक्त है,  'तू नहीं'। 🖋 देवांश

NEVER GIVE UP ✌

"लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती" लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर सौ सौ बार फिसलती है। मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है। आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाते हैं, जा जा कर गहरे पानी में खाली लौट आते हैं। मिलते ना मोती सहज ही गहरे पानी में, बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में। मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो, कहां कमी रह गई देखो और सुधार करो। जब तक सफल न हो नींद चैन की त्यागो तुम, संघर्षो का मैदान छोड़ मत भागो तुम। किए कुछ बिना जय जयकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती 🖋  सोहनलाल द्विवेदी Thankyou 😊 #happyreading

मेरा एक घर हुआ करता था -🖊अनोयुक्षा

मेरा एक घर हुआ करता था। जितना महफ़ूज़ मैं वहाँ रही,  उतना और कहीं नहीं। जितना उसने प्यार दिया, वो मैंने पाया कहीं नहीं। मैंने उसे जितना चाहा,  और किसी को चाहा कभी नहीं।  है प्यार तो अब भी उतना ही उससे,  पर अब वो मेरा रहा नहीं। ढांचा तो अब भी वैसा ही है। रंग रूप भी सब वही। एहसास लेकिन है बदल सा गया,  क्योंकि अब वो मेरा रहा नहीं। चली जाती हूँ उस गली रोज़ फ़िर भी।  है अब भी खड़ा नज़रों के सामने ही।  पर और आगे जाऊँ कैसे? मंज़िल तो है, पर रास्ता ही नहीं। मेरा एक घर हुआ करता था। मेरा ना एक घर हुआ करता था।।   🖊अनोयुक्षा Thankyou 😊 #happyreading